धन्य-धन्य ग़ाज़ीपुर का गौरव न्यारा
यह महाविद्यालय हमारा
हम इसकी प्रिय छात्राएँ हैं,
लम्बी हमारी यात्राएँ हैं,
हमें आत्मबल का ही सहारा,
यह महाविद्यालय हमारा।
यह शाश्वत जीवनकी तयारी,
शान्ति निकेतन की फुलवारी,
सुरभित हो इससे जग सारा.
यह महाविद्यालय हमारा।
साधक, सिद्ध -मुनि की धरती,
यहाँ ज्ञान की गंगा बहती.
पावन सुरभि सलिल शुचि धारा,
यह महाविद्यालय हमारा, ।
कीर्ति हमें गुरुकुल की अपनी,
हिमगिरि से ऊँची है करनी,
जड़ना है हमें चाँद सितारा,
यह महाविद्यालय हमारा ।
दीक्षा का यह मन्दिर अपना,
चलते आदर्शों का सपना,
है हमें प्राणों से प्यारा
यह महाविद्यालय हमारा ।
आओ हिलमिल प्रण दोहराएँ,
नित्य प्रगति के दीप जलायें,
जीवन में लायें उजियारा ,
यह महाविद्यालय हमारा ।